फीवर में डायट: क्या खाना चाहिए और क्या नहीं?

post image

Fever Diet: आमतौर पर लोग बुखार को गंभीरता से नहीं लेते। चाहे कामकाजी पुरुष हो या महिला, लोग इसे तब तक नजरअंदाज करते रहते हैं जब तक बुखार हद से ज्यादा न बढ़ जाए। शायद आप सोच रहे होंगे कि ये आदत ग़लत है. लेकिन बुखार पर विभिन्न अध्ययनों से पता चला है कि जब तक बुखार 103°F (39.4°C) तक न पहुंच जाए, तब तक घबराने की जरूरत नहीं है। 

दरअसल, बुखार शरीर में तापमान बढ़ने के कारण होता है, जो मूल रूप से अस्थायी होता है। सच कहें तो बुखार बीमारी का संकेत है। वयस्कों को बुखार होने पर थोड़ी असुविधा महसूस हो सकती है, जो ओवर-द-काउंटर दवाओं से कुछ दिनों में ठीक हो जाता है। दवा के साथ उचित आहार लेने से भी बुखार आसानी से ठीक हो सकता है।

वैसे तो डॉक्टर की सलाह के बिना दवाएं नहीं लेनी चाहिए, लेकिन जब बुखार 103°F (39.4°C) या इससे अधिक हो जाए तो यह चिंता का विषय हो सकता है। दरअसल, अगर शरीर में कोई संक्रमण हो जाए तो बुखार उससे लड़ने में अहम भूमिका निभाता है।

लक्षण- जब आपके शरीर का तापमान 98.6°F (37 °C) से ज्यादा हो जाए, तो वह बुखार के लक्षणों में शामिल हो जाता है। बुखार के लक्षण बीमारी के आधार पर भिन्न भिन्न होते हैं-

  • सिरदर्द
  • बदन दर्द
  • भूख नहीं लगना
  • शरीर में बेचैनी
  • कमजोरी जैसा महसूस होना
  • ठंड लगने के साथ कंपकंपी जैसा महसूस होना
  • चिड़चिड़ापन आदि

हां, कभी-कभी 6 महीने से लेकर 5 साल के बच्चों में बुखार के कारण दौरे भी पड़ते हैं, जो एक साल के बाद खुद ही ठीक हो जाता है।

डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए?

बुखार होने पर डॉक्टर से सलाह लेने में देरी नहीं करनी चाहिए, उसके बाद उनके निर्देशानुसार बच्चे के बुखार की निगरानी करनी चाहिए। अगर तीन दिन के बाद भी बुखार कम नहीं होता है तो डॉक्टर टेस्ट आदि कराने की सलाह देते हैं।

बच्चा - अगर बच्चा सामान्य रूप से खेल रहा है, बात कर रहा है, ठीक से संपर्क में है, खाना खा रहा है तो डॉक्टर सामान्य रूप से तीन दिन तक बुखार कम होने का इंतजार करने को कहते हैं। लेकिन इसके अलावा अगर बच्चे को उल्टी हो रही है, पेट में दर्द हो रहा है या शरीर में बेचैनी महसूस हो रही है तो बिना देर किए उसे डॉक्टर के पास ले जाना जरूरी है।

वयस्क - वयस्कों के लिए भी वही नियम लागू होते हैं जो बच्चों के लिए होते हैं। यदि मरीज़ सामान्य रूप से खा रहा है, सो रहा है और दैनिक कार्य कर रहा है, तो डॉक्टर तीन दिनों तक मरीज़ के लक्षणों और बुखार पर नज़र रखने के लिए कहते हैं। अगर तीन दिन के बाद भी बुखार कम न हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इसके अलावा अगर तीन दिन से पहले निम्नलिखित लक्षण महसूस हों तो डॉक्टर के पास जाने में देरी नहीं करनी चाहिए, जैसे-

  • भयंकर सरदर्द
  • प्रकाश देखने में कठिनाई
  • उल्टी करना
  • गर्दन और पीठ में अकड़न
  • शरीर पर लाल दाने
  • पेटदर्द
  • पेशाब करते समय दर्द होना
  • सांस लेने में कठिनाई आदि

अब तक तो आप समझ ही गए होंगे कि बुखार के दौरान ज्यादा चिंता किए बिना अगर सही तरीके से डाइट और दवा ली जाए तो बिना ज्यादा कमजोरी महसूस किए आसानी से ठीक किया जा सकता है। तो देर किस बात की, बुखार के दौरान आहार कैसा होना चाहिए, आइए इसके बारे में थोड़ा जानते हैं। ताकि अगर घर में किसी को बुखार हो तो आप उसे सही आहार देकर जल्दी स्वस्थ कर सकें।

Book an appointment with Dr. Rahul Mathur: If you are looking for the best fever treatment in Jaipur, must book an appointment with Dr. Rahul Mathur at +91 7300041110.

Fever Diet फीवर में डायट – क्या नहीं खाना चाहिए?

फीवर में डायट से सम्बंधित सबसे पहले जो बात आती है, वह है बुखार होने पर किन-किन चीजों से परहेज करना चाहिए। जिससे कि बुखार को आसानी से कंट्रोल में किया जा सके। उनमें सबसे पहले आता है आप बाहर का खाना कभी न खाएं, जिसमें निम्न पदार्थ मौजूद हैं –

  • कॉफी
  • शराब
  • सोडा
  • रेड मीट
  • शेलफिश
  • स्नैक्स
  • जंक फूड
  • पैकेज्ड फूड 
  • फ्राइड फूड आदि
Also Read:
Viral Fever Symptoms: A Comprehensive Guide

 

Fever Diet फीवर में डायट – क्या खाना चाहिए?

अब तो आप समझ ही गए होंगे कि फीवर में डायट ऐसा होना चाहिए, जो पौष्टिकता से भरपूर हो और जल्दी हजम हो सके। असल में खाना ऐसा होना चाहिए जो हेल्दी और टेस्टी होने के साथ सुपाच्य भी हो। 

  1. फल – फल तो सबसे पहले फीवर में डायट के रूप में शामिल होता है। फल में विशेष रूप से विटामिन सी शामिल करने की जरूरत होती है, इससे बॉडी का इम्यूनिटी पावर बढ़ता है और फीवर को ठीक होने में मदद मिलती है। फल को खाने से शरीर हाइड्रेटेड भी रहता है और हाजमा भी ठीक हो जाता है।
  2. सब्जियां – फीवर में डायट में सब्जियों को कैसे भूल सकते हैं? सब्जियों को अच्छी तरह से पकाकर खिलाने से न सिर्फ शरीर को विटामिन्स, मिनरल्स से भरपूर डायट मिलता है, बल्कि इसके साथ शरीर को शक्ति भी मिलती है।
  3. लहसुन – फीवर में डायट लेने के दौरान खाने में लहसुन डालना न भूलें, क्योंकि इसमें एन्टी बैक्टिरीयल, एंटी वायरल और एंटी फंगल गुण होता है, जो शरीर की इम्यूनिटी को बूस्ट करने में मदद करता है।
  4. दही – ऐसे बहुत कम ही लोग होते हैं जिन्हें दही खाना पसंद नहीं होता है। फीवर में डायट में दही को शामिल करने से उसमें जो गुड बैक्टिरीया होते हैं, वह शरीर को इंफेक्शन से लड़ने में मदद करते हैं। 
  5. केला – केला एक ऐसा पौष्टकता से भरपूर फल है, जो पेट को जल्दी भर भी देता है और खाने में आसानी भी होती है। अगर फीवर में उल्टी हो रही हो, तो केला खाने से आराम मिल सकता है। 
  6. नारियल पानी – फीवर में डायट में नारियल पानी को शामिल करना सबसे ज्यादा जरूरी होता है, क्योंकि फीवर होने पर शरीर को हाइड्रेटेड रखना सबसे ज्यादा जरूरी होता है। नारियल पानी इस जरूरत को पूरा करता है। 

अब तक इस संक्षेप विश्लेषण से आप समझ ही गए होंगे कि फीवर में डायट में क्या-क्या शामिल होना चाहिए और क्या नहीं। फीवर में डायट अगर ठीक होगा, तो बुखार के बाद शरीर को कमजोरी जैसी परेशानियां नहीं होंगी।